Election commission of India
भारत का निर्वाचन आयोग: 2025 में निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनावों की गारंटी
भारत में लोकतंत्र को सुचारू रूप से संचालित करने में निर्वाचन आयोग (Election Commission of India - ECI) की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। 25 जनवरी 1950 को स्थापित यह एक स्वायत्त संवैधानिक संस्था है, जिसका मुख्य उद्देश्य देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराना है। जैसे-जैसे भारत 2025 के चुनावों की ओर बढ़ रहा है ।
निर्वाचन आयोग की संरचना और कार्य:
भारत के निर्वाचन आयोग में एक मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) और दो चुनाव आयुक्त (ECs) होते हैं। यह तीन-सदस्यीय निकाय देश में लोकसभा, राज्यसभा, राज्य विधानसभाओं और स्थानीय निकायों के चुनावों का संचालन करता है।
मुख्य कार्य:
1. चुनाव कराना: निर्वाचन आयोग संसद, राज्य विधानसभाओं, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनावों का आयोजन करता है
2. आचार संहिता लागू करना: चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के लिए आदर्श आचार संहिता (MCC) लागू करना।
3. मतदाता पंजीकरण: आयोग समय-समय पर मतदाता सूची (Voter List) को अपडेट करता है और नए मतदाताओं का पंजीकरण सुनिश्चित करता है।
4. चुनाव सुरक्षा: निष्पक्ष मतदान के लिए सुरक्षा उपाय लागू करता है और चुनावी हिंसा या धांधली को रोकता है।
5. तकनीक का उपयोग: ईवीएम (EVM), वीवीपैट (VVPAT) और ऑनलाइन मतदाता पंजीकरण जैसी आधुनिक तकनीकों को अपनाकर चुनावी प्रक्रिया को डिजिटल बनाया जा रहा है।
2025 के चुनावों के लिए नए सुधार और पहल:
2025 के चुनावों को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने के लिए निर्वाचन आयोग ने कई नए कदम उठाए हैं:
1. डिजिटल वोटिंग सिस्टम:
निर्वाचन आयोग रिमोट वोटिंग तकनीक पर काम कर रहा है, जिससे प्रवासी श्रमिक और एनआरआई (NRI) बिना अपने गृह निर्वाचन क्षेत्र में लौटे मतदान कर सकें। (Block -Chain) प्रणाली की भी जांच की जा रही है ।
2. फेक न्यूज और गलत सूचना पर नियंत्रण
सोशल मीडिया पर चुनावी अफवाहों और गलत सूचना को रोकने के लिए निर्वाचन आयोग टेक कंपनियों और मीडिया संस्थानों के साथ मिलकर काम कर रहा है ताकि मतदाताओं को सही जानकारी मिल सके।
3. राजनीतिक फंडिंग में पारदर्शिता
चुनाव आयोग इलेक्टोरल बॉन्ड सुधारों की सिफारिश कर रहा है, जिससे राजनीतिक चंदे को अधिक पारदर्शी बनाया जा सके और काले धन के उपयोग को रोका जा सके।
4. चुनावी सुरक्षा को बढ़ाना:
मतदाता सत्यापन के लिए फेशियल रिकग्निशन, और साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए नए उपाय लागू किए जा रहे हैं।
निर्वाचन आयोग के समक्ष चुनौतियाँ :
हालांकि आयोग कई सुधार कर रहा है, फिर भी उसे चुनावी हिंसा, मतदाता दमन, बूथ कैप्चरिंग और साइबर हमलों जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा, सोशल मीडिया के माध्यम से चुनाव प्रचार में गलत सूचना और भ्रामक खबरों को रोकना भी एक बड़ा मुद्दा है।
निष्कर्ष:
भारत का निर्वाचन आयोग यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि चुनावी प्रक्रिया निष्पक्ष, पारदर्शी और लोकतांत्रिक मूल्यों के अनुरूप हो। लगातार सुधारों और तकनीकी प्रगति के साथ, 2025 के चुनावों को और अधिक सुरक्षित और सुगम बनाने की दिशा में कदम बढ़ाए जा रहे हैं। कर्तव्य है कि हम मतदान करें और लोकतंत्र को सशक्त बनाएं।

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